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अरपा भैंसझार परियोजना में 8 एस डी एम ने 7 करोड़ का घोटाला किया

अरपा भैंसाझार परियोजना के मुआवजा प्रकरण में 8 एस डी एम ने 7 करोड़ का घटाला एवं फर्जीवाड़ा किया है। घोटाला करने वाले एस डी एम का नाम राजेन्द्र गुप्ता, मृतन कंवर, डी आर डाहिरे, देवेन्द्र पटेल, कीर्तिमान सिंह राठौर, डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी, आनंद रूप तिवारी एवं आई ए एस अधिकारी देवेश ध्रुव है।

खनिज अधिकारियों के संरक्षण में 1 हजार करोड़ का रायल्टी चोरी

छत्तीसगढ़ के पंचायतों लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, पी एच ई, छत्तीसगढ़ मेडिकल कॉर्पोरेशन, छत्तीसगढ़ वेयर हाउस, नगरीय निकायों मंडी बोर्ड एवं अन्य कई विभागों के निर्माण कार्यों में लगभग 70 प्रतिशत बिना रायल्टी वाला खनिज सामान का उपयोग किया जा रहा है जिसके कारण शासन को 5 साल के अन्दर लगभग 1 हजार करोड़ रुपए के डी एम एफ राशि एवं रायल्टी राशि का नुकसान हुआ है यह सब रायल्टी चोरी खनिज अधिकारियों के संरक्षंण में हो रहा है कारखानों एवं राईस मिलों तथा बिल्डरों के निर्माण कार्यों में भी लगभग 70 प्रतिशत बिना रायल्टी का ही खनिज सामान का उपयोग हो रहा है

जी एस टी अधिकारियों के संरक्षण में 5 हजार करोड़ का जी एस टी चोरी

छ.ग. के पंचायतों लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग पी एच ई, छ.ग. मेडिकल कार्पोरेशन, छ.ग. वेयर हाउस नगरीय निकायों, मंडी बोर्ड एवं अन्य कई विभागों के निर्माण कार्यों में लगभग 70 प्रतिशत बिना जी एस टी बिल वाला खनिज सामान का उपयोग किया जा रहा है जिसके कारंण शासन को 5 साल के अन्दर लगभग 5 हजार करोड़ के जी एस टी राशि का नुकसान हुआ है यह सब जी एस टी चोरी जी एस टी अधिकारियों के संरक्षण में हो रहा है। कारखानों एवं राईस मिलों तथा बिल्डरों के नर्माण कार्यों में भी लगभग 70 प्रतिशत बिना जी एस टी वाला खनिज सामान का उपयोग हो रहा है। छत्तीसगढ़ के खनिज अधिकारियों ने 3 साल के अन्दर लगभग 15 हजार ट्रकों एवं ट्रेक्टरों को बिना जी एस टी बिल एवं बिना रायल्टी वाला खनिज सामान का  ढुलाई करते हुए पकड़ा है इन वाहनों के खिलाफ जी एस टी अधिकारियों को कर्यवाही करना चाहिये लेकिन शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं किया जा रहा है जो की बहुंत बड़ा लापरवाही है।

सरकारी दवाई को बाजार में बेचने वाले के खिलाफ पुलिस मे FIR होना आवश्यक है

रायपुर गुढ़ियारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सरकारी दवा टिटनेस रेबीज के इंजेक्शन को शासकीय कर्मचारी फार्मासिस्ट ने एक निजी मेडिकल स्टोर में बिक्री करने हेतु गलत ढंग से रखा था जिसमें जांच के बाद फार्मासिस्ट निरज वर्मा को सस्पेंड कर दिया गया है। यह एक भ्रष्टाचार का पकरंण है इसलिये फार्मासिस्ट एवं मेडिकल स्टोर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारंण अधिनियम के तहत पुलिस में FIR दर्ज होना आवश्यक है

मुख्य अभियंता एवं अधीक्षंण अभियंताओं द्वारा मुख्य तकनीकी परीक्षक के जांच पर कार्यवाही नहीं

छ.ग. के लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, पी एच ई, प्रधानमंत्री सड़क योजना एवं हाउसिंग बोर्ड के लगभग एक हजार निर्माण कार्यों में ठेकेदारों ने अभियंताओं के संरक्षण में कई प्रकार से घटिया निर्माण कार्य करके भारी घोटाला एवं फर्जीवाड़ा किया है, जिस‌को मुख्य तकनीकी परीक्षक रायपुर ने जांच करके पकड़ा है। मुख्य तकनीकी परीक्षक ने घटिया निर्माण के दोषी अभियंताओं एवं दोषी ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु मुख्य अभियंताओं एवं अधीक्षण अभियंताओं को जांच प्रतिवेदन भेजा है जिसमें मुख्य अभियंताओं एवं अधीक्षण अभियंताओं द्वारा दोषी अभियंताओं के खिलाफ नियमानुसार कठोर कार्यवाही नहीं किया जा रहा है जिसके कारंण भ्रष्टाचार बढ़ रहा है।

छात्रावासों के नाम पर भारी फर्जीवाड़ा

दुर्ग जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग से बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। यहां के अफसर शासन से आदिवासी बच्चों के विकास और उत्थान के लिए आई राशि ही डकार गए हैं। फर्जी बिल, अधीक्षकों के फर्जी सील और हस्ताक्षर से लाखों रुपए निकाल लिए गए हैं। भ्रष्टाचार का यह खेल साल 2019 से 2023 तक चला है। दरअसल जिले के दुर्ग, धमधा, पाटन ब्लॉक मिलाकर कुल 30 छात्रावास हैं, जहां अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राएं रहकर पढ़ाई करते हैं। राज्य सरकार इन छात्रावासों में रहने वाले बच्चों की सुविधा के लिए आकस्मिक व्यय और दवाइ‌यों के लिए विशेष मद पर लाखों रुपए का फंड देती है। दुर्ग जिले के लगभग 30 छात्रावास में साल 2019 से 2023 तक बच्चों के लिए आए दवाइयों और आकस्मिक व्यय के नाम पर फर्जी बिल बनाकर हर महीने लाखों रुपए निकालते रहे। जबकि छात्रावासों में ये सामान पहुंचे ही नहीं। इस फर्जीवाड़ा के लिए हॉस्टल अधीक्षकों के फर्जी सील, यहां तक की साइन का भी इस्तेमाल किया गया। इस संबंध में जिले के अलग-अलग ब्लॉकों को छात्रावास अधीक्षकों से बात की तो उन्होंने संबंधित बिलों को फर्जी बताते हए छात्रावासों में किसी तरह ...

वेटलैंड प्राधिकरंण ने कलेक्टर को दिया आदेश कोर्ट में प्रकरंण दायर करें

नया रायपुर के सेंध और झांझ जलाशय की रिपोर्ट में गंभीर अनियमिततायें पाए जाने के कारण छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड अथॉरिटी ने अध्यक्ष जिला वेटलैंड संरक्षण समिति रायपुर को दोनों जलाशयों में प्रतिबंधित कार्य करवाने के कारण पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 19 के तहत सक्षम न्यायालय में शिकायत/परिवाद दायर करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत 5 वर्ष की सजा या रुपए 1 तक लाख का फाइन या दोनों का प्रावधान है। सेंध और झांझ जलाशय में नया रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी ने क़ानून का उलंघन कर करोडों के कार्य करवाए हैं। वेटलैंड प्राधिकरण ने रायपुर के सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. राकेश गुप्ता के पत्र का हवाला देते हुए आदेश में लिखा है कि कलेक्टर द्वारा 2 मई 25 को दी गई जांच रिपोर्ट के से स्पष्ट है कि सेंध और झांझ जलाशय में पाथवे निर्माण, चौपाटी एवं अन्य गतिविधियों वेटलैंड रूल्स और मार्गदर्शिका के अंतर्गत प्रतिबंधित गतिविधियों की है जो की दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। क्या पाया गया झांझ जलाशय की जांच रिपोर्ट में? जुलाई 2023 में जांच में पाया गया कि वहां पर 13.6...

बेमेतरा के पूर्व श्रम पदाधिकारी ने किया फर्जीवाड़ा

श्रम विभाग की हितग्राही मूलक योजनाओं में गड़बड़ी करने के मामले में श्रम विभाग में कार्यरत प्लेसमेंट कर्मचारी को लौटाया गया है। वर्तमान श्रम पदाधिकारी ने श्रमिकों के आवास निर्माण के लिए दिए जाने वाले अनुदान को प्रदान करने वाली योजनाओं में हुई गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को प्रतिवेदन भेजा है। शिकायत करने वाली पार्षद नीतू कोठारी ने विभागीय कार्रवाई को नाकाफी बताया और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। श्रम पदाधिकारी कार्यालय में श्रम कल्याण निरीक्षक पद पर प्लेसमेंट कर्मचारी छलेश्वर साहू को लेकर सक्षम अधिकारी के समक्ष की गई शिकायत में आरोप लगाया गया कि विभागीय योजनाओं के लाभान्वित अभ्यर्थियों को गलत प्रमाण-पत्र जारी कर शासन को आर्थिक हानि पहुंचाई गई है। शिकायत के बाद एक टीम का गठन किया गया था। टीम द्वारा की गई जांच में श्रम कल्याण निरीक्षक द्वारा रजिस्टर्ड ट्रेड यूनियन के नियुक्ति प्रमाण-पत्रों का दुरुपयोग करते हुए पात्र हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ नहीं मिलने दिया जाना पाया गया था। जांच में शिकायतों की पुष्टि होने पर अपर कलेक्टर द्वारा छलेश्वर साहू ...

बांध के डुबान क्षेत्र में रिसॉर्ट बनाना पर्यावरण नियम का उल्लंघन है

बरही गांव के पास, निजी रिसोर्ट है और दूसरा तांदुला डैम के पास। इसे पिछली सरकार के समय शासन ने ही बनाकर भिलाई की एक बड़ी कंपनी को कांट्रेक्ट पर दे दिया है। प्रदेश में इस तरह बांधों के आसपास, बैकवॉटर (उलट) क्षेत्र और यहां तक कि बांध के अंदर तक करीब 15 ऐसे प्रोजेक्ट हैं जो शुरू हैं या शुरू होने वाले हैं या जिनका काम रुका हुआ है। पर्यावरण विशेषज्ञ इसे बेहद खतरनाक और बांधों के अस्तित्व पर खतरा बता रहे हैं। छत्तीसगढ़ में बांध के भराव क्षेत्र में ही रिसॉर्ट बन रहे हैं। दरअसल, छत्तीसगढ़ में बढ़ते पर्यटन के चलते सरकार के साथ रियल स्टेट व्यापार से जुड़े लोगों और कारोबारियों ने जंगल के भीतर, नदियों-तालाबों, बांधों के किनारे पांच सितारा रिसॉर्ट बना लिए हैं। इनमें से कुछ जरूरी में मंजूरी ली गई, जबकि कुछ रिसोर्ट मनमाने तरीके से बनाए गए हैं। ऐसे लोग लेक व्यू नाम रखने के लिए बांधों के वेट लैंड पर कब्जा कर रहे हैं। बरही के पास बने रिसॉर्ट ने बांध की सूखी जमीन को ओपन रेस्टोरेंट का रूप का दे दिया है। यहां झूलों और बैठने की स्थाई सुविधा बना दी गई है। एक वॉटर फिल्टर प्लांट का निर्माण भी किया गया है, ताकि स...

पर्यावरण क्लियरेंस देने में भारी फर्जीवाड़ा

केमिकल फैक्ट्री में खपाई नेता-अफसरों की काली कमाई, ऑक्शन-टेंडर में सांठगाठ, बिना वेरिफाई कंपनियों को पर्यावरण क्लियरेंस छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में केमिकल प्रोडक्शन अब धांधली की फैक्ट्री बन चुकी है। पता वही, प्रोपराइटर वही। नियमों का उल्लंघन कर कई बार उत्पादन क्षमता 700 तक बढ़ाई गई, ताकि रॉ मटेरियल लेने के ऑक्शन में सप्लाई का ठेका लेने और बैंक से लोन लेने में सहूलियत हो। केमिकल प्रोडक्शन के कारनामे में पूरा सहयोग DIC और पर्यावरण क्लियरेंस के अफसरों का रहा। इन्होंने न सिर्फ नियमों की अनदेखी की, बल्कि जांच रिपोर्ट भी सामने नहीं आने दी। इस दौरान एक्सपांशन की शर्तों का पालन नहीं हुआ है। इसके साथ ही 30 हजार की नौकरी करने वाला गोविंद मंडल 5 फैक्ट्रियों में डायरेक्टर है। जानकारों के मुताबिक इन फैक्ट्रियों में अफसरों नेताओं की अवैध कमाई को खपाया गया है, जो EOW की रडार पर है। इसके साथ ही CM विष्णुदेव साय भी इसकी शिकायत की गई है। केमिकल फैक्ट्रियों के लिए रॉ मटेरियल के लिए रचा खेल दुर्ग में भिलाई स्टील प्लांट के कोकओवन से बड़ी मात्रा में कोलतार निकलता है। ये केमिकल फैक्ट्रियों के लिए रॉ मटेरियल ...