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बांध के डुबान क्षेत्र में रिसॉर्ट बनाना पर्यावरण नियम का उल्लंघन है

बरही गांव के पास, निजी रिसोर्ट है और दूसरा तांदुला डैम के पास। इसे पिछली सरकार के समय शासन ने ही बनाकर भिलाई की एक बड़ी कंपनी को कांट्रेक्ट पर दे दिया है। प्रदेश में इस तरह बांधों के आसपास, बैकवॉटर (उलट) क्षेत्र और यहां तक कि बांध के अंदर तक करीब 15 ऐसे प्रोजेक्ट हैं जो शुरू हैं या शुरू होने वाले हैं या जिनका काम रुका हुआ है। पर्यावरण विशेषज्ञ इसे बेहद खतरनाक और बांधों के अस्तित्व पर खतरा बता रहे हैं। छत्तीसगढ़ में बांध के भराव क्षेत्र में ही रिसॉर्ट बन रहे हैं। दरअसल, छत्तीसगढ़ में बढ़ते पर्यटन के चलते सरकार के साथ रियल स्टेट व्यापार से जुड़े लोगों और कारोबारियों ने जंगल के भीतर, नदियों-तालाबों, बांधों के किनारे पांच सितारा रिसॉर्ट बना लिए हैं। इनमें से कुछ जरूरी में मंजूरी ली गई, जबकि कुछ रिसोर्ट मनमाने तरीके से बनाए गए हैं। ऐसे लोग लेक व्यू नाम रखने के लिए बांधों के वेट लैंड पर कब्जा कर रहे हैं। बरही के पास बने रिसॉर्ट ने बांध की सूखी जमीन को ओपन रेस्टोरेंट का रूप का दे दिया है। यहां झूलों और बैठने की स्थाई सुविधा बना दी गई है। एक वॉटर फिल्टर प्लांट का निर्माण भी किया गया है, ताकि स...

जी एस टी अधिकारियों के संरक्षण में 5 हजार करोड़ का जी एस टी चोरी

छ.ग. के पंचायतों लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग पी एच ई, छ.ग. मेडिकल कार्पोरेशन, छ.ग. वेयर हाउस नगरीय निकायों, मंडी बोर्ड एवं अन्य कई विभागों के निर्माण कार्यों में लगभग 70 प्रतिशत बिना जी एस टी बिल वाला खनिज सामान का उपयोग किया जा रहा है जिसके कारंण शासन को 5 साल के अन्दर लगभग 5 हजार करोड़ के जी एस टी राशि का नुकसान हुआ है यह सब जी एस टी चोरी जी एस टी अधिकारियों के संरक्षण में हो रहा है। कारखानों एवं राईस मिलों तथा बिल्डरों के नर्माण कार्यों में भी लगभग 70 प्रतिशत बिना जी एस टी वाला खनिज सामान का उपयोग हो रहा है। छत्तीसगढ़ के खनिज अधिकारियों ने 3 साल के अन्दर लगभग 15 हजार ट्रकों एवं ट्रेक्टरों को बिना जी एस टी बिल एवं बिना रायल्टी वाला खनिज सामान का  ढुलाई करते हुए पकड़ा है इन वाहनों के खिलाफ जी एस टी अधिकारियों को कर्यवाही करना चाहिये लेकिन शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं किया जा रहा है जो की बहुंत बड़ा लापरवाही है।

पर्यावरण क्लियरेंस देने में भारी फर्जीवाड़ा

केमिकल फैक्ट्री में खपाई नेता-अफसरों की काली कमाई, ऑक्शन-टेंडर में सांठगाठ, बिना वेरिफाई कंपनियों को पर्यावरण क्लियरेंस छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में केमिकल प्रोडक्शन अब धांधली की फैक्ट्री बन चुकी है। पता वही, प्रोपराइटर वही। नियमों का उल्लंघन कर कई बार उत्पादन क्षमता 700 तक बढ़ाई गई, ताकि रॉ मटेरियल लेने के ऑक्शन में सप्लाई का ठेका लेने और बैंक से लोन लेने में सहूलियत हो। केमिकल प्रोडक्शन के कारनामे में पूरा सहयोग DIC और पर्यावरण क्लियरेंस के अफसरों का रहा। इन्होंने न सिर्फ नियमों की अनदेखी की, बल्कि जांच रिपोर्ट भी सामने नहीं आने दी। इस दौरान एक्सपांशन की शर्तों का पालन नहीं हुआ है। इसके साथ ही 30 हजार की नौकरी करने वाला गोविंद मंडल 5 फैक्ट्रियों में डायरेक्टर है। जानकारों के मुताबिक इन फैक्ट्रियों में अफसरों नेताओं की अवैध कमाई को खपाया गया है, जो EOW की रडार पर है। इसके साथ ही CM विष्णुदेव साय भी इसकी शिकायत की गई है। केमिकल फैक्ट्रियों के लिए रॉ मटेरियल के लिए रचा खेल दुर्ग में भिलाई स्टील प्लांट के कोकओवन से बड़ी मात्रा में कोलतार निकलता है। ये केमिकल फैक्ट्रियों के लिए रॉ मटेरियल ...