डेंगू के बढ़ते हुए मामलों के देखते हुए घरों में मच्छरों की ब्रीडिंग मिलने पर 1 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा, दिल्ली सरकार ने आदेश जारी किया
नई दिल्ली/ 24 जुलाई को जारी नगर निकाय की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 22 जुलाई तक दिल्ली में डेंगू के कुल 187 मामले सामने आए हैं, जो 2018 के बाद से इस टाइम पीरियड् में सबसे ज्यादा हैं।
दिल्ली में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच शुक्रवार को मच्छरों की ब्रीडिंग मिलने पर लगने वाला जुर्माना बढ़ा दिया गया है। दिल्ली सरकार ने आदेश जारी कर कहा कि अब जांच के दौरान घरों में मच्छरों की ब्रीडिंग मिलने पर 1 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा। वहीं, कमर्शियल जगहों में मिलने पर 5 हजार का जुर्माना देना पड़ेगा।
इससे पहले, मच्छरों की ब्रीडिंग मिलने पर 500 रुपए का जुर्माना देना पड़ता था। दरअसल, डेंगू की रोकथाम को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में यह फैसला लिया गया।
2018 के बाद इस साल सबसे ज्यादा डेंगू के केस
24 जुलाई को जारी नगर निकाय की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 22 जुलाई तक दिल्ली में डेंगू के कुल 187 मामले सामने आए हैं, जो 2018 के बाद से इस टाइम पीरियड् में सबसे ज्यादा हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई के पहले तीन हफ्तों में डेंगू के मामलों की संख्या 65 थी, जबकि यह संख्या जून में 40 और मई में 23 थी.
वहीं, 2022 में दिल्ली में 1 जनवरी से 22 जुलाई के बीच डेंगू के 159 मामले सामने आए थे, जबकि 2021 में इसी समय में डेंगू के 47 मामले सामने आए थे।
डेंगू चार वायरसों के कारण होता है
डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है। एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है। यह तब होता है, जब वायरस वाला एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है। डेंगू 4 वायरसों के कारण होता है। इनके नाम - डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4 हैं।
इलाज में किन बातों का ध्यान रखें
एम्स दिल्ली में रुमेटोलॉजी डिपार्टमेंट की हेड डॉक्टर उमा कुमार कहती हैं कि डेंगू का बस सपोर्टिव इलाज ही है। इसका कोई खास इलाज नहीं है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी बात प्लेटलेट्स को मॉनिटर करना होता है, क्योंकि अचानक ये बहुत नीचे तक गिर जाती हैं। बुखार को कंट्रोल करना भी जरूरी होता है। यदि बुखार आ रहा है तो पैरासिटामॉल ही लें, दर्द की दवा बिलकुल न लें।
दूसरी बार डेंगू हुआ तो ज्यादा खतरा है
जिन्हें पहली बार डेंगू होता है, उन्हें उतना खतरा नहीं होता है। खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है, जिन्हें यह बुखार पहले भी हो चुका है। डेंगू हड्डियों को खोखला और कमजोर करता है। दूसरी बार होने पर यह बुखार ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।
मरीज के खाने-पीने का कैसे रखें ध्यान
- डेंगू के मरीज को सादा पानी, नींबू पानी, दूध, लस्सी, छाछ और नारियल पानी देना चाहिए, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
- ध्यान रखें कि मरीज के शरीर में हर दिन 4 से 5 लीटर लिक्विड जरूर जाना चाहिए। हर 1 से 2 घंटे में कुछ न कुछ खाने-पीने के लिए देते रहें।
- मरीज के यूरीन की स्थिति पर ध्यान दें। अगर मरीज हर 3 से 4 घंटे में एक बार पेशाब जा रहा है तो मतलब खतरे की बात नहीं है।
- अगर पेशाब की मात्रा या फ्रीक्वेंसी कम है तो मरीज को तुरंत लिक्विड डाइट पर ध्यान देना चाहिए और डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
100 डिग्री से अधिक बुखार होने पर क्या करें?
- यदि मरीज को डेंगू है और बुखार 102 डिग्री या इससे ज्यादा है तो माथे पर सादे पानी की पट्टियां रखें।
- मरीज के कमरे में हल्की रोशनी रखें। कम स्पीड पर सीलिंग फैन या कूलर भी चला सकते हैं।
- डेंगू के मरीज के बेड पर मच्छरदानी जरूर लगाएं।
- मरीज की पर्सनल हाइजीन का पूरा ध्यान रखें। उसके कपड़े नियमित रूप से बदलें।
- हाथ-पैर धोने या नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल कराएं।
डेंगू में इन 3 तरह के बुखार से जान को खतरा होता है
हल्का डेंगू बुखार- इसके लक्षण मच्छर के काटने के करीब एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं, यह बेहद घातक होता है।
डेंगू रक्तस्रावी बुखार- लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुछ दिनों में गंभीर हो सकते हैं।
डेंगू शॉक सिंड्रोम - यह डेंगू का एक गंभीर रूप है, यह मौत का कारण भी बन सकता है।

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