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डी एफ ओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही

विधानसभा के बजट सत्र के दौरान गलत जवाब देने पर वन विभाग ने 5 अधिकारी-कर्मचारी को निलंबित कर दिया है। दरअसल, विधायक शेषराज हरवंश द्वारा इंदिरा निकुंज माना रोपणी में संचालित कुंवारादेव महिला स्व सहायता समूह के कार्य संचालन के संबंध में विधानसभा में जानकारी मांगी थी। इस सवाल के जवाब में मंत्री केदार कश्यप को विभाग ने जो जानकारी दी थी, वो गलत थी। इसे गंभीरता से लेते हुए वन मंत्री ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख को जांच करने का निर्देश दिया था।

मंत्री के निर्देश पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख वी श्रीनिवास राव की अध्यक्षता में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक नावेद शुजाउद्दीन तथा मुख्य वन अगासिमनी द्वारा संरक्षक रायपुर वृत्त, राजू अगा तत्काल जांच समिति गठित की गई थी। जांच में सामने आया कि जवाब में कई‌ तथ्यों को छुपाया गया था। इसके अलावा इंदिरा निकुंज माना रोपणी में संचालित कुंवारादेव महिला स्व सहायता समूह के संबंध में विस्तृत जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। 

इनको निलंबित किया गया

रायपुर वनमंडल के रायपुर परिक्षेत्र अधिकारी सतीश मिश्रा, माना नर्सरी प्रभारी वनपाल तेजा सिंह साहू, वनमंडल कार्यालय के सहायक ग्रेड- 2 अविनाश वाल्दे और प्रदीप तिवारी, परिक्षेत्र कार्यालय के लिपिक अजीत ड़डसेना को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। साथ ही मंत्री ने वनमंडलाधिकारी लोक्रनाथ पटेल एवं उप वनमंडलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शासन स्तर पर करने के लिए पत्र भेजने के लिए कहा है।

मंत्री की चेतावनीः दोबारा गलती न होः वन मंत्री केदार कश्यप ने अफसरों को दोबारा इस प्रकार की गलती न करने की चेतावनी दी है। उन्होंने सभी तरह के शासकीय पत्राचार, आडिट कंडिका एवं योजनाओं की जानकारी सत्यता के साथ समय सीमा में देने के निर्देश दिए है।

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